यूपी चुनाव के जरिए दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़े हैं किसान। माना जा रहा है कि किसानों का एक धड़ा बीजेपी से नाराज है।
हालांकि यूपी चुनाव से पहले केंद्र सरकार की तरफ से कृषि कानून वापस लिया जा चुका है लेकिन फिर भी किसानों का एक बड़ा तबका अभी भी बीजेपी से नाराज बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आंदोलन के लंबे समय तक चलने और कई अन्य मांगों के पूुरा नहीं होने से किसान नाराज हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि पश्चिम यूपी में हुए शुरुआती मतदान में किसान बीजेपी को स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं। खासकर सपा की तरफ से यह दावा किया जा रहा है। साफ बात है कि सपा और किसानों की हमदर्द मानी जाने वाली पार्टी आरएलडी इस बार मैदान में साथ हैं।
किसानों का एक बड़ा तबका शुरू से ही आरएलडी के साथ रहा है। खुद जयंत किसानों के हित में बात करते रहते हैं। अखिलेश भी किसानों पर बड़ा दांव खेल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ती दिख रही है।
अखिलेश तो दावा कर चुके हैं कि किसान इस बार बीजेपी की हालत खराब कर देंगे। जयंत भी ताल ठोक चुके हैं। हालांकि बीजेपी लगातार दावा कर रही है कि किसान उनके साथ हैं और वे उन्हें ही वोट दे रहे हैं।
पर, राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि आरएलडी और सपा के साथ आने से किसानों का बड़ा तबका उनकी तरफ जाएगा। हां, कुछ किसान जो कृषि कानूनों के वापस आने से खुश हैं, वे बीजेपी के साथ आ सकते हैं। हालांकि गौर यह भी करना है कि उनकी कई मांगें अभी भी लंबित हैं।
अब देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी कैसे इसे मैनेज करती है क्योंकि पूरे यूपी में देखा जाए तो किसानों का अहम रोल हमेशा ही रहा है। ऐसे में किसान बीजेपी का गणित बिगाड़ भी सकते हैं।