अपनी बहिन की साथे जब तू मार्केट में जाल अउर केहू ओके घूरल शुरू कर देला त का सोचे ल...। मन इहे करे ला ना कि ओकर आंख नोच लीं। ओकरा के पीट दीं। लेकिन सोच, जब तू ही अपनी दोस्तन की साथे रहेले अउर हम जइसन कौनो अउर लड़की निकलेले त तू हमरी छाती के अईसन घूरेल....जइसे नोच खइब। तब काहें ना तू खुद के आंख के नोच डालेल। तब तोहके खुद पर गुस्सा काहें ना आवेला।
हर लड़की के ई सहन करेके पड़ेला। बाजार होखे, स्कूल होखे, कॉलेज होखे इहां तक की कई रिश्तेदारन के सामने भी असहज होखे के पड़ेला। हमरी छाती के त अईसन घूरल जाला जईसे आज ले कौनो स्तन देखलही नइख लोग। काहें घर में भी त मां बहन बाड़ी।
ई बात बुरा लाग गईल न...। तो सोच कि हमनीका के केतना बुरा लागत होई। हर समय केहू छाती के घूरे त लड़की पर का बितत होई, तू अंदाजा भी ना लगा पईब। अरे छाती ही ह। ईहे छाती ह जेसे दूध पिलाके तोहरा जइसन लोगन के बड़ा गईल गईल बाटे। ये छाती में कुछ हीरा नइखे जडल। कुछ अलग नइखे। तोहरे छाती की तरह ही हमरो छाती बाटे।
बस कुछ बायोलोजिकल अंतर बाटे लेकिन तोहार गंदा दिमाग उ ना समझ पाई। काहें कि तोहरा के त लइकनी के छाती घूरल में अपार सुख के प्राप्ति होला। कई जानी त छाती घूरके रात में बिस्तर पर हस्तमैथुन करे तक के सपना देखे लागेने। छी ....केतना गंदगी भरल बाटे तोहल लोगन के दिमाग में।
देख, समाज में बेहतरी खातिर लइका अउर लइकी दूनू जानी के साथ आईल जरूरी बाटे। आज से लइकीनीन के छाती घूरल बंद कर द। बदलाव खुद ही आ जाई। तू बहुत बदलाव के बात करेल न अपनी दोस्तन की साथे। त ई बदलाव के शुरुआत ऐही जू से कर लोग। हमनीका के छाती के घूरल बंद कर द लोग। बहुत कुछ बाटे दुनिया में सुंदर घुरे खातिर। ओके घुर लोग...और दुनिया के खूबसूरत बनाव लोग।
जय हिंद।
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