चकल्लस वाया-सोशल मीडिया, पत्रकार चर्चा
by BHAUKALI BABA
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हर रोज 12-15 घंटा काम कर रहे हैं। इतना अधिक काम कर रहे हैं कि उनके मंत्री और अधिकारी तो परेशान हइये हैं उनका विभाग देखने वाले मीडिया कर्मियों की भी हालत हो गई है खराब।
एनेक्सी में रात 12 बजे तक ड्यूटी करने के दौरान वे आपस में कुछ पल फुर्सत के पा रहे हैं तो बस यही आपस में हंसी में कह रहे हैं कि अरे महाराज, (योगी जी को गोरखपुर में और उनके चाहने वाले इसी नाम से पुकारते हैं) बस कीजिए थोड़ा हम लोगों पर भी रहम कीजिए।
जी हां, सीएम बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ लगातार काम में सक्रिय हैं। योगी जी पहले ही कह चुके हैं कि वे काम के आगे बाकी सब भुल जाएंगे। लगातार फैसले ले रहे हैं। लगातार मीटिंग्स का दौर जारी है।

इस समय हर विभाग का प्रजेंटेशन सुन रहे हैं। ये प्रजेंटेशन भाजपा के संकल्प पत्र को लागू करने के लिए जो विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे उसी की अगली कड़ी है। सभी अधिकारी शाम को एनेक्सी पहुंच जाते हैं और फिर शुरू होता है मैराथन प्रजेंटेशन का दौर।
छह घंटे सात घंटे तक प्रजेंटेशन चलता है। इस बीच चूंकि योगी आदित्यनाथ विभागों का प्रजेंटेशन ले रहे हैं तो कभी भी कुछ भी निर्णय सुना सकते हैं। कोई निर्देश दे सकते हैं। ऐसे में मंत्री और अधिकारी तो चुस्त –दुरुस्त हैं ही और उनकी तो हालत खऱाब हो रही है। उनसे कहीं कम मीडिया वालों को भी आराम नहीं है।
जी हां, लखनऊ में सभी मीडिया वाले अपने रिपोर्टरों को बाहर मुस्तैद कर दे रहे हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया वालों की स्थिति ज्यादातर खराब है। बेचारे योगी जी को कवर कर रहे हैं लेकिन योगी जी इतना काम के प्रति सजग हैं कि उन्हें समय की कोई परवाह नहीं रहती है। एक बार काम में जुट गए तो फिर पूरा करके ही मानते हैं।
सुबह से ही सीएम के पीछे लगा रहने वाला रिपोर्टर देर रात तक जब सीएम के लगातार सक्रियता को देख रहा है तो खुश तो होता है लेकिन आपस में जो हंसी मजाक होता है उसमें यही होता है कि यार योगी जी तो हमें भी नहीं बख्श रहे हैं। सुबह से देखिए महाराज हमें भी खड़ा ही कराए हुए हैं। अरे महाराज कभी आप भी आराम कीजिए और कभी हमें भी आराम करने दीजिए।