फिल्म समीक्षा- भौकाली बाबा की कलम से
भौकाली बाबा का स्टार-5 में से 3 स्टार
निर्देशक- शिवन नायर
लेखक- नीरज पांडेय
अभिनय- तापसी पन्नू, मनोज बाजपेयी, अक्षय कुमार ( अतिथि भूमिका)
नाम शबाना। नाम तो सुना ही होगा। जी हां फिल्म जो रीलिज हो गई है। वो फिल्म जिसकी आपको अरसे से तलाश थी। वो फिल्म जिसकी स्टारकॉस्ट आपको टिकट खिड़की तक खींच रही है। वो फिल्म जिसे आप देखने के लिए प्लानिंग कर चुके हैं। कर चुके हैं तो ये पढ़ लीजिए और उसके बाद ही देखने जाइए इस फिल्म को।
जी हां, तो आपको बता दें कि नीरज पांडे की फिल्म होने के कारण इस फिल्म से काफी उम्मीदें जुड़ी थीं और कई जगहों पर नीरज पांडे खुद को साबित भी करते हैं लेकिन कहीं न कहीं बेबी के बाद जो चार्म और जो खूबसूरती हम इस फिल्म में देखना चाहते थे वो मिसिंग है
।
इसकी वजह भी है कि इस फिल्म में अतिथि भूमिका में अक्षय कुमार के होने के बावजूद ऐसा लगता है कि लीड रोल की जिम्मेदारी उन्हीं की है। नाम शबाना रखकर एक महिला प्रधान फिल्म बनाने की कोशिश तो की गई है लेकिन शबाना की जाबाजी को हर बार अक्षय कुमार के सहारे की जरूरत पड़े तो दर्शकों को अखर जाता है। दर्शक सोचता है कि यार ये क्या बात हुई भाई। जब फिल्म नायिका प्रधान है और नायिका पूरी ट्रेनिंग भी ले चुकी है तो वही लीड करे।
एक अपराधी को पकड़ने की कहानी जिस तरीके से नीरज पांडे पिछली फिल्म में बुने थे वो कहीं न कहीं यहां मिसिंग है। पटकथा में जल्दबाजी दिखती है और क्लाइमैक्स में मजा नहीं आता क्यूंकि वो पहले ही खुल चुका होता है। ऐसा जबकि नीरज पांडे की स्क्रिप्ट में पहले नहीं होता रहा है। वे चुस्त स्क्रिप्ट लिखते हैं और पूरी फिल्म पर जबरदस्त पकड़ रखते हैं।

हां, ये जरूर है कि एक्शन दृश्यों में तापसी पन्नू प्रभावित करती हैं। तापसी की एक्टिंग भी जबरदस्त दिखी है और दर्शकों को वो बांधे रखने में कामयाब होती दिखती हैं।
अभिनय की बात करें तो कुछ पल के लिए ही आकर अक्षय अपनी पुरानी एक्शन फिल्मों की याद दिला जाते हैं। मनोज बाजपेयी भी अपने किरदार में फिट बैठते हैं। अनुपम खेर और डैनी ने भी प्रभावित किया है।