by BHAUKALI BABA
यार गजब है। खुद चौबीसों घंटे ऑनलाइन रहो तो कोई बात नहीं लेकिन लड़की ऑनलाइन दिख गई तो इधर-उधर और न जाने क्या-क्या सोचने लगते हो। उसके कैरेक्टर से लेकर उसके मां-बाप की परवरिश में कमी तक ढूढ़ लाते हो।
क्यूं भाई...क्या बुराई है..वो क्यूं न ऑनलाइन रहे। उसके इंटरनेट की रकम आप चुकाते हैं क्या..पर नहीं आप मानेंगे क्यूं ..हद है। ऐसा इसलिए है कि आपकी मानसिकता ही ऐसी बनी हुई है। आपका दोष नहीं है। इमसें इस समाज का दोष है जहां की बुनावट ही ऐसी है।
पश्चिमी या विकसित देशों में तो ऐसा नहीं है। क्यूंकि वहां समाज बहुत फास्ट है और बेहद आगे है। उनकी सोच आपकी तरह संकीर्ण नहीं है। वे खुले मन के लोग हैं। लेकिन यहां। यहां तो उल्टा है। सोच इतनी संकीर्ण है कि लड़की का ऑनलाइन दिखना भी पाप जैसा समझते हैं।
और हां, ये केवल छोटे गांव या कस्बों की बात नहीं कर रहे बल्कि महानगरों तक में यही सोच है। बात तो हम करते हैं 21वीं सदी की लेकिन हमारी सोच कितनी पिछड़ी हुई है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इन बातों को भी हम इतना सोच रहे हैं और इसमें भी हमारा विचार खुला हुआ नहीं बन पा रहा है।
आप खुद पढ़ लीजिए कि ज्यादातर लड़के क्या सोचते हैं, लड़कियों के ऑनलाइन दिखने पर। आपको भी तरस आएगी उनकी सोच पर ।

ब्वायफ्रैंड से बतिया रही होगी
इतनी देर से ऑनलाइन है। पक्का है कहीं न कहीं सेटिंग है उसकी। हां, भाई तभी तो ऑनलाइन है।
बिल्कुल कैरेक्टरलेस होगी
अरे बाप रे, इतनी रात को भी ऑनलाइन है। पता चल गया उसका कैरेक्टर क्या होगा। गिरी हुई कैरेक्टर की होगी तय है।
मां-बाप क्या परवरिश किए हैं
मां-बाप भी दोषी हैं। लड़की है उसे इतनी छूट क्यूं दे रहे हैं। देखो इतनी रात तक लगी पड़ी है।
गंदी बात कर रही होगी
निश्चित ही ब्वायफ्रैंड से गंदी बात चल रही होगी। इतनी देर से ऑनलाइन है तो और क्या करेगी। वही गंदे वाले चैट..छी..ये लड़कियां..।

मां-बाप का नाम डूबाएगी
इसी तरह की लड़कियां मां-बाप का नाम डूबोती हैं। इतनी देर तक चैटिया रही है। किसी दिन उसके साथ भाग जाएगी। नाम डूबो देगी।
किसी मुर्गे को फंसा रही होगी
कोई मुर्गा मिल गया होगा उसे ही अपनी मीठी बातों में फंसा रही होगी। इन लड़कियों के पास कोई काम तो होता नहीं है। और खर्चा करने वाले हम जैसे मुर्ख बैठे ही हैं।