BY BHAUKALI BABA
रवि किशन। भोजपुरी फिल्मों का अमिताभ बच्चन भी इन्हें बोला जाता है। जितने सक्रिय भोजपुरी में हैं, उतने ही बॉलीवुड में और उतने ही राजनीति में। आज वे सबके चेहते हैं। उनके करोड़ों फैन्स हैं। फिल्मों की लंबी लाइन है। हर प्रोड्यूसर उनके साथ फिल्म करना चाहता है। हर हिरोइन चाहती है कि रवि किशन के साथ मौका मिल जाए ताकि वो भोजपुरी इंडस्ट्री में स्थापित हो जाएं।

भोजपुरी से निकले रवि किशन ही ऐसे नाम हैं, जिन्हें बॉलीवुड में भी बराबर की जगह मिली। और वे लगातार यहां भी छाए रहे। आज देश के सभी युवाओं के दिलों पर राज करने वाले रवि किशन कभी खाने को भी मोहताज थे। ये कहानी आपको रूला देगी। आप उनके संघर्षों को सलमान करेंगे।
जी हां., आपको बता दें कि आपका ये जो आंखों का तारा और सबसे प्यारा हीरो है उसे मुबई में संघर्ष के दिनों में कई बार खाली पेट रहना पड़ा। पैसे नहीं थे कि दोनों समय भर पेट भोजन कर पाएं। खुद रवि बताते हैं कि वे घर से भागकर मुंबई पहुंचे थे हालांकि उनकी मां ने ही कहा था कि वे मुंबई भाग जाएं क्यूंकि उनके पिता जी उनकी बहुत पिटाई करते थे। पिता को लगता था कि बेटा नालायक निकल गया है।
पिता की पिटाई से बचने के लिए मां ने कहा कि भाग जाओ। रवि भागकर मुंबई पहुंच गए। वहां न तो वे किसी को जानते थे और ना ही उनके पास पैसे थे। तो वहां पर उन्हें कई बार भूखे पेट भी सोना पड़ा।

लेकिन रवि ने हौसला नहीं छोड़ा। वे इधर-उधर काम करके अपना पेट पालते रहे और फिल्मों में ट्राई करते रहे। और कहते हैं न जब आप किसी भी चीज को शिद्दत से चाहो तो वो आपको जरूर मिलती है। रवि किशन की मैहनत रंग लाई और उन्हें पहली फिल्म मिली पितांबर।
पहली फिल्म खास नहीं चली। लेकिन रवि की गाड़ी चल निकली। इसके बाद उन्हें शाहरूख खान के साथ आर्मी में काम करने का मौका मिला।
सलमान खान के साथ तेरे नाम करने के बाद बॉलीवुड में एक तरह से रवि किशन स्थापित हो गए। उधर, रवि किशन भोजपुरी में भी छाने लगे और भोजपुरी के सबसे बड़े सुपरस्टार बनकर उभरे।
आज रवि किशन के पास पैसे हैं। एक-एक फिल्मों के लिए लाखों रुपए मिलते हैं। बड़ी गाड़ियां हैं और करोड़ो चाहने वाले हैं।