by BHAUKALI BABA
देश भर में भाजपा को बढ़त मिलती जा रही है। लगभग सभी बड़े प्रदेशों पर भाजपा का कब्जा हो गया है। मोदी जी की लहर अब सुनामी में बदल गई है। यूपी और उत्तराखंड की जीत ने ये संकेत दे दिए हैं। उधर, कांग्रेस की स्थिति बदतर होती जा रही है।
यूपी में तो कांग्रेस ने अपना सबसे बदतर प्रदर्शन किया है और पार्टी की जो फजीहत हुई है उसके बाद अब राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर भी सवालिया निशान लगने खड़े हो गए हैं।
यह सही है कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और हर बार दबावों के बाद ये पार्टी उभरती रही है लेकिन तब कोई न कोई पार्टी के साथ करिश्माई नेतृत्व जुड़ा रहा है या फिर कोई करिश्मा होता रहा है। अभी जो स्थिति है उसमें न तो पार्टी के पास कोई करिश्माई नेता है और ना ही कोई करिश्मा होता दिख रहा है।

राहुल गांधी यूपी चुनाव में जिस तरीके से खुद को बदलने के साथ उतरे थे, जनता ने उसे खारिज कर दिया है। मोदी पर उनके हमलों पर जनता हंस देती है और खुद पार्टी के लोग अभी राहुल गांधी को मेच्योर नहीं मानते हैं। आखिर क्या वजह है कि गांधी परिवार के राहुल गांधी में राजनीतिक परिपक्वता अभी तक नजर नहीं आती और कांग्रेस का कुनबा इसे मानने को भी तैयार नहीं है।
हालांकि पार्टी की बुरी हार के बाद निश्चित ही अंतरखाने अब राहुल के विरोध के स्वर भी उठेंगे लेकिन फिलहाल कांग्रेस में अभी वैसा माहौल नहीं है कि कोई सीधे गांधी परिवार के खिलाफ जा पाए। इसके बावजूद अगर राहुल गांधी खुद के राजनीतिक भविष्य को मजबूत और उज्जवल देखना चाहते हैं तो उन्हें ये कदम तो उठाने ही होंगे। वरना यूपी की हार के साथ आगे की राह और मुश्किल दिख रही है।
राहुल को अपनी शैली बदलनी होगी
राहुल गांधी अभी जिस शैली के साथ चुनावों में उतर रहे हैं। उसमें बदलाव करना होगा। वो शैली लोगों को पसंद नहीं आ रही है।
सिर्फ मोदी के खिलाफ बोलकर कुछ नहीं मिलेगा
राहुल को समझना होगा कि सिर्फ मोदी के खिलाफ बोलकर भाषण पूरा नहीं होता। जनता आपकी बात सुनने आई है मोदी के बारे में आप बात करेंगे तो क्या फायदा होगा।
राहुल अपना विजन स्पष्ट करें
राहुल गांधी को अपने राजनीतिक विजन को भी स्पष्ट करना होगा। जब तक उनका विजन स्पष्ट नहीं होगा वे जनता को कैसे समझा पाएंगे।
पार्टी के भीतर कुछ कड़े कदम उठाएं
ये करना होगा। राहुल गांधी को अगर पार्टी को आगे ले जाना है तो ये कड़े कदम उठाने होंगे। आज भी कई पार्टी के नेता मानते हैं की पार्टी में सब कुछ सही नहीं है। बस जैसे तैसे पार्टी चल रही है। जैसे-तैसे चलने से सत्ता नहीं मिलने वाली। इसे समझना होगा राहुल को।
जमीनी स्तर पर उतरकर काम करना होगा
राहुल गांधी को अब जमीनी स्तर पर उतरकर काम करना होगा। गांवों में जाएं। लोगों से मिलें। खुद को जमीनी नेता के तौर पर स्थापित करें तभी कुछ भला होगा।
कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान और पद दें
जो कार्यकर्ता आज भी कांग्रेस के साथ जुड़े हैं. उन्हें महत्व देना होगा। बीजेपी की मजबूती उसके कार्यकर्ता हैं जो कि कभी कांग्रेस की मजबूती होती थी।