भौकाली बाबा की रेटिंग - 4.5
विशाल भारद्वाज एक और खूबसूरत फिल्म लेकर आए हैं। रंगून। जी हां, युद्ध और इश्क में सब जायज है। और इसी बात को साबित करती फिल्म है ये | पूरी शिद्दत से विशाल ने इस फिल्म को बनाया है। कुछ एक गलतियां और कमियां हैं लेकिन अच्छाई उस पर भारी है तो कमियां छिप जाती हैं
सैफ अली खान लंबे समय बाद काफी प्रभावित किए हैं अपनी एक्टिंग से। विशाल की ही फिल्म ओमकारा में कुछ ऐसी ही एक्टिंग देखने को मिली थी।
यह कहानी भारत में आजादी से पहले की है, जिसमें युद्ध के साथ-साथ आपको रोमांस भी देखने को मिलेगा। दिलेर जूलिया (कंगना) 40 के दशक में कई दिलों पर राज कर रही होती हैं। जहां एक तरफ उनका शादीशुदा आशिक़ रूसी बिलमोरिया (सैफ) उनपर फिदा रहता है, वहीं बॉर्डर पर तैनात जमादार नवाब मलिक (शाहिद) भी उससे बहोत प्यार करता है।

'रंगून' एक प्रयाश है, एक ऐसी फिल्म बनाने की जो प्रेम त्रिकोण और युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। इस फिल्म का संगीत कुछ और मजेदार होता तो बेहतर होता जो फिल्म के बीच-बीच में आता है। कई खतरनाक वॉर सीन के बीच कुछ नाच-गाने के साथ-साथ आपको एक अच्छा रोमांस भी देखने को मिलेगा। इन सब मसालों के बीच फिल्म में एक घुसपैठिए का ऐंगल भी है जो फिल्म में किसी साजिश की ओर इशारा करता है।
कुल मिलाकर एक अच्छी और देखने लायक फिल्म। जरूर देखें।