मेको जाने क्यूं जोर की आ रही है...। अरे, हंसी भईया...। आप भी न कुछौ सोच लेते हैं। त बात इ है भईया कि एक ठो हैं हमरे सीएम। नाम नाही बताएंगे। कुछ आपो दिमाग पर डालो जोर। तो अइसन है कि हमरे सीएम के लंबे-लंबे किस्से हैं..का हैं-बोलो भईया..। बोलेगो तो सुनाएंगे नाही तो चल देंगे। हं नहीं त..। उनबारे में मन से सुना करो। अच्छा तो चलिए अब ध्यान दीजिएगा..। तो भईया ऊ जो हमरे सीएम साहेब रहें..ऊ सबको ललकारते रहन..। केहू माने केहू। पीएम मोदी से लेकर सीएम रहीं शीला दीक्षित तक। कई लोगन के त साफ बोल दिए रहन की दम बा तोहरा में तो आ जाओ मैदान मा..। भईया सीन अइसा टाइट हुआ कि दिल्ली लोट गई। और फिर बन गए हमरे सीएम। उसके बाद तो साहेब चांप दिए। एक से एक वादे। हालांकि दिल्ली के लोग कह रहल बा कि कोई वादा-ओदा पूरा नाही होता है। लोगन की माने तो सीएम साहेब सिर्फ एकेगो टारगेट पर हैं नाम है मोदी टारगेट। भाई कुछो कहिए..सीएम साब चांपे रहे। ललकारते रहे। पर, अचानक एको पोस्टर फटा और उसमें से निकला एगो हीरो। अब इ कौन आइ गवा दिल्ली में नया भईया। इहां का तो एके गो सरदार रहे। अब इसमें दू ठो सरदार कइसे। एक म्यान में दुई तलवार टाइप कुछ समझ लियो। तो भइया ई जो हीरो सामने आया, उसने सीएम साहेब को उन्हीं की स्टाइल में ललकार दिया। पप्पा कसम- दिल्ली झूम उठी। दिल्ली में खूब बारिश हुई उस दिन। बदरा गजरे और खूबे बरसे। दिल्ली वाले तर बतर। कई लोग तो ई सोच के ही झूमने लगे कि आईल ऊंट पहाड़ के नीचे।
अब कौन ऊंच कौन सी पहाड़ भईया ई तो हमका समझ में कुछौ आईल नाही। पर, दिल्ली वालों की खुशी में हम भी शरीक हुए। पूछे एक जन से त ऊ बोले-रूकिए जनाब कुछ दिन और ...देखिए बड़ा वाला डिबेट होगा। हम पूछ बइठे- बड़ा वाला डिबेट। ई का है। तब जाकर ऊ बताए। ऊ बताए हमका कि उस दिन जो पोस्टरवा फटा रहा, उसमें से जो हीरो निकला रहा, ऊ बीजेपी के एक ठू सांसद हैं महेश गिरी। का कह रहे हैं महाराज, हम पूछे तो बोले अबे बुड़बक पहिले पूरा सुनो और मजा लो। तो आगे बताए- त ऊ सीएम केजरी साहेब को ललकार दिए हैं कि आरोप लगाए हो तो आ जाओ मैदान में दो-दो करने। माने कुश्ती ..अरे नाही बुड़बक माने वाद-विवाद। कॉलेज में नाही किए का...बहस। वही...। हम भी करने लगे इंतजार। कई दिन हो गए। अब कुछ लोग कह रहे हैं कि सीएम साहेब छिपे-छिपे फिर रहे हैं। ऊ बहस से भाग रहे हैं। पर, हमका विश्वास ना ही हो रहा है। आखिर ऊ तो सबको ललकारते रहते थे। त अपने पर आया तो का होइ गवा। अउर बतिया तो सहिये है अगर आरोप लगाए हैं तो भइया सामने आकर जवाबवा कौन देगा..। पर ऊ कहते हैं न। का। हमको का पता..। चलिए चिल्ल मारिए..। कहानी गईल बन में सोच अपनी मन में..।