ई का हो गया, बिहारी और गुजराती दोनों ही मंत्री हो गए फेल। चलिए भाई आपकी ही मान लेत हैं कि ऊ तो बिहार है। बिहारी मंत्री हैं, हो सकता है उनको उत्ता नहीं आता हो, पर इहां गुजरात के मंत्री भी तो उन्हीं की तरह निकले। उन्हें भी तो नहीं आता। फिर दूनो को अलग-अलग क्यूं देखते हो भाई..सच्चाई तो पप्पा कसम ई है कि इ लोग हैं बस नाम के नेता..आता जाता कुछ नहीं बस जनता को बनाना है चू...। समझ गए न तो लीजिए पढ़िए इहां दो मंत्रियों की कहानी है। दोनों ही मंत्री एक ही क्षेत्र में फेल हो गए। क्षेत्र कौन वही जिनसे उनका कोई मतलब नहीं रहता है।
हां जी, वही पढ़ाई। पढ़ाई की बात आई तो मंत्री जी फेल। बच्चे सब दांत चियार के हंस दिए। देश भर में सोशल साइट्स पर मजाक उड़ा तौन अलग। अरे भाई, जब नहीं आता तो ज्यादा ज्ञान काहें पेलने लगते हैं। बाबा भौकाली से राय लीजिए और सुनिए ...राजनीति से अलग थोड़ा पढ़िए और लिखिए भी ताकि कुछ दिमाग इधर भी चले। कि खाली उहे सब होगा।
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