दोनों अच्छे लड़के यूपी में मिल गए हैं। इशारा समझ गए कि नहीं। अरे भाई वही सपा और कांग्रेस की गठबंधन की हम बात कर रहे हैं। आपने यूपी के सीएम अखिलेश यादव का वो बयान तो आज तक याद ही रखा होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल अच्छा लड़का है। और चूंकि सीएम अखिलेश ने भी यूपी के लिए जो काम किए हैं और उन पर व्यक्तिगत रूप से कोई आरोप नहीं है, उसे देखते हुए जनता की नजर में अखिलेश भी अच्छे नेता हैं और चूंकि वे युवा हैं तो हम उन्हें भी अच्छे लड़के के रूप में देख लेते हैं।
तो अब बात जेहन में क्लीयर है तो आगे पढ़िए। हां. तो आगे ये कि अब दोनों राजी हो गए हैं साथ चुनाव लड़ने को। सपा और कांग्रेस का गठबंधन। दो युवा नेतृत्व का गठबंधन। अगर इस लिहाज से देखें तो काफी कुछ संभावनाएं दिखती हैं इस गठबंधन में। एक तरफ सीएम अखिलेश विकास के प्रतीक बने हुए हैं। युवाओं में सीएम को लेकर क्रेज और भी बढ़ा है। उनकी छवि ने उन्हें और बड़ा बना दिया है। घरेलू कलह पर विजय के बाद उनका कद और बढ़ा माना जा रहा है हालांकि कुछ राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि उन्हें पारंपरिक वोटों में कुछ नुकसान होगा।
उधर, कांग्रेस की जो स्थिति थी उसमें उसके लिए यह मुफीद वक्त है कि उसने गठबंधन कर लिया। इस सहारे वो अपनी नैया पा करने में जरूर सफल रहेगी और अगर बिहार जैसा हो गया तो फिर तो पूछिए नहीं। यूपी में इस गठबंधन से कांग्रेस को संजीवनी मिल सकती है। निश्चित रूप से ही देखा जाए तो दोनों ही अच्छे लड़कों का काफी कुछ भविष्य इस चुनाव पर टिका है। सीएम अखिलेश को जहां अपने पिता के सामने खुद को साबित करने की चुनौती है वहीं पूरे देश से सिमटती जा रही अपनी सबसे पुरानी पार्टी को सबसे बड़े प्रदेश में बेहतर स्थिति में खड़ी करने की चुनौती राहुल गांधी पर है।
ऐसे में अब देखना दिलचस्प होगा कि दोनों अच्छे लड़कों के मिलने का वोटरों पर कितना प्रभाव पड़ता है और रिजल्ट में उसका कितना योगदान आता है।